Mineral water plant क्या है, कैसे शुरू करे पूरी जानकारी 2023

भारत में कुछ ब्रांड शुद्ध पानी Mineral water plant की मदद से उपलब्ध करवा रहे हैं। आप भी अपने शहर में Mineral water plant शुरू कर सकते हैं। जानें बिजनेस प्लान।
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नमस्कार मित्रों, वर्तमान मे दुकानों, कार्यालय और घरों में लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए मिनरल वॉटर का उपभोग कर रहे हैं, कारण है बढ़ता वॉटर प्रदुषण! आज शहरों से लेकर मोहल्लों तक, हर छोटी बड़ी दुकानों पर बोतलबंद पानी आसानी से मिल जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पेयजल उद्योग का कारोबार ₹1600 करोड़ होने का अनुमान है। जो बीते 4 वर्षों में सालाना 38-40% की दर से बढ़ा है। ऐसे में आप Mineral water plant लगाकर बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

  • 13.25 फीसदी सीएजीआर की रफ़्तार से पानी का कारोबार बढ़ेगा।
  • मार्केट रिसर्च एंड एडवाइजरी टेकसाई रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021 में भारत में बोतलबंद पानी का कारोबार 243 करोड़ डॉलर (19315 करोड़) का था।
  • भारत में बोतलबंद पानी का व्यवसाय 2023 के अंत तक 403.06 अरब रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • पैकैज्ड वाटर कारोबार में 60 फीसदी हिस्सेदारी असंगठित है
  • बिसलेरी के मुताबिक भारत में पैकैज्ड वाटर का बाजार 20 हजार करोड़ का है
  • भारत में काम कर रहे प्रमुख बोतलबंद ब्रांड – बिसलेरी, किनले और एक्वाफिना है।

यदि आप अपने शहर या गांव में, मिनरल वॉटर का बिजनेस शुरू करना चाहते है। या फिर मिनरल वाटर क्या है, इसका इतिहास, मिनरल वाटर कैसे बनता है जानना चाहते हैं तो आप सही जगह पर है। इस लेख में आप Mineral Water Business Plan In Hindi, मिनरल वाटर प्लांट लाइसेंस mineral water plant cost पर चर्चा करेंगे। चलिए जानते मिनरल वाटर के बारे में।

मिनरल वाटर क्या है। what is Mineral water plant

मिनरल वाटर क्या है। what is Mineral water plant

जब अशुद्ध पानी को purify करके शुद्ध पानी बनाया जाता है तो इसे मिनरल वाटर कहते हैं। इसमें आवश्यक मिनरल्स जैसे सल्फर, मैग्नीशियम और कैल्शियम प्रयाप्त मात्रा में उपस्थित होते हैं।

शुद्ध पानी (mineral water) जीवन का एक मूलभूत घटक है। पंचतत्व में जल का स्थान है। मानव शरीर का 60% हिस्सा पानी से बना है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो हमें डिहाइड्रेशन महसूस होता है, यह सामान्य है। इसलिए, आमतौर पर हम अपने साथ पानी की बोतल रखते है।

वहीं दूषित पानी से हमारा स्वास्थ्य बर्बाद हो जाता है। इतना ही नहीं, गंदा पानी कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। दस्त, पेचिश, पोलियो और मेनिन्जाइटिस प्रमुख बीमारियां है। ग्रामीण आबादी जलजनित बीमारियों के उच्च जोखिम पर है, लेकिन सभी को गंदे या दूषित पानी के जोखिम का सामना करना पड़ता है। भारत में कुछ ब्रांड ऐसे हैं जो Mineral water plant की मदद से शुद्ध पानी उपलब्ध करवा रहे हैं।

हालांकि अब बहुतायत गावों में छोटे उद्यमी Mineral Water Plant लगाकर जनमानस की सेवा और लोगों को नौकरी देकर देश का भला कर रहे हैं।

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मिनरल वाटर का उपयोग

मिनरल वाटर का उपयोग हमारे स्वास्थ्य अच्छा है इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स अति गुणकारी है मिनरल्स युक्त पानी पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और स्वाद में भी बढ़िया होता है

मिनरल वाटर का उपयोग दुकानों, होटलों, कार्यालयों, ट्रेनों, अस्पताल, स्कूलों, मंदिरों, सार्वजनिक क्षेत्रों के साथ अन्य स्थानों पर बहुतायत में होता है। शहरी इलाकों में Mineral Water Plant सप्लायर्स पानी को लोगों के घरों तक पहुंचाते हैं। आज लोगो को पानी नहीं शुद्ध पानी (Mineral Water) चाहिए।

RO Vs Mineral Water में अंतर

RO (Reverse Osmosis Water) का पानी वास्तव में वाटर प्यूरीफायर में छना हुआ पानी होता है। RO पानी में मौजूद लाभदायक और हानिकारक मिनरल्स निकल जाते है। वहीं दूसरी ओर Mineral Water आवश्यक सभी मिनरल्स पाए जाते हैं। बहुत से लोग आरओ के पानी को मृत पानी के नाम से भी जानते हैं, क्योंकि इस पानी में न तो असुरक्षित और न ही मूल्यवान मिनरल्स देखने को मिलते हैं।

बोतलबंद पानी का इतिहास

आज हम चलते फिरते जो बोतलबंद मिनरल वाटर पीते हैं उसका इतिहास वाकई अद्भूत है। चलिए बोतलबंद पानी के इतिहास पर एक झलक डालते हैं –
सर्वप्रथम यूनाइटेड किंगडम में सन् 1622 के करीब होली वेल नामक शहर में, पहली पानी की बोतलबंदी के साथ बोतलबंद पानी शुरू हुआ।
17वीं और 18वीं शताब्दी में बोतलबंद पानी की मांग को बढ़ावा मिला।
दुनिया मे पहली बार बोतलबंद पानी, 1767 में व्यावसायिक तौर पर अमेरीका के बोस्टन मे बेचा गया था। [1]

अमेरिका में 1850 तक [बॉटलर्स साराटोगा स्प्रिंग्स] , सालाना 7 मिलियन से अधिक बोतल पानी का उत्पादन कर रहा था। [2]
19वीं शताब्दी के दौरान पानी के क्लोरीनीकरण ने नगरपालिका जल आपूर्ति में जल जनित रोगों के बारे में सार्वजनिक चिंताओं को कम कर दिया।
इस दरम्यान पेरियर का पानी 19वीं सदी से बोतलबंद था और पूरे ब्रिटिश साम्राज्य में व्यापक रूप से बेचा जाता था। [3]
1977 में पेरियर को संयुक्त राज्य अमेरिका में लॉन्च किया गया।
आज, बोतलबंद पानी संयुक्त राज्य अमेरिका में दूसरा सबसे लोकप्रिय वाणिज्यिक पेय है

भारत में बोतल बंद पानी

हमारे देश में बोतलबंद पानी का उद्योग सन् 1990 के अंत में तेजी देखी गई। इस दौरान बिसलेरी ने अपना पैक पेयजल लॉन्च किया।

पानी के कारोबार में 70 फीसदी मुनाफा है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में पानी का सालाना कारोबार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का है, जो लगातार विकास कर रहा है। पानी के कारोबारी भविष्य में इसे विश्व की सबसे बड़ी इंडस्ट्री के रूप में देख रहे हैं।

वाटर के क्षेत्र में बड़े ब्रांड – mineral water brands in india

भारत में प्रमुख मिनरल वाटर ब्रांड निम्न हैं –

  • बिसलेरी
  • एक्वाफिना
  • बेली (Bailey)
  • किंगफिशर MINERAL WATER
  • हिमालय MINERAL WATER
  • TATA WATER PLU
  • ऑक्सीनियर MINERAL WATER
  • रेलनीर
  • QUA MINERAL

बिसलेरी भारत में पैकेज्ड पेयजल के क्षेत्र में सबसे बड़ा ब्रांड है। इसकी बाजार में कुल हिस्सेदारी 40% है। इसके बाद किनले दुचरा बड़ा ब्रांड है जो बाजार के कुल शेयरों का 17% हिस्से पर कब्जा जमाए है। दुनिया भर में व्यावसायिक रूप से मिनरल वाटर के 4,000 से अधिक ब्रांड उपलब्ध हैं।

मिनरल वाटर बिजनेस कैसे शुरू करें Mineral Water Plant Business in Hindi

मिनरल वाटर बिजनेस कैसे शुरू करें
How to start mineral water plant business guide

मिनरल वाटर बिजनेस शुरू करने के लिए निम्न बिंदुओं का अवलोकन करें –

  1. मिनरल वाटर प्लांट पर मार्केट रिसर्च करें
  2. बिजनेस प्लानिंग मजबूत करे
  3. धन इकट्ठा करें
  4. उचित लोकेशन का चुनाव करें
  5. मिनरल वाटर प्लांट लाइसेंस
  6. मशीनरी के साथ अच्छे उपकरणों पर निवेश करे
  7. मिनरल वाटर प्लांट कॉस्ट
  8. ग्राहकों को अच्छी क्वालिटी दें
  9. मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दें और
  10. बाजार में बने रहें।

आईए जानते है पुरी तरह से ऑटोमैटिक Mineral water plant business कैसे सेटअप किया जाता है।

#1 मिनरल वाटर प्लांट पर मार्केट रिसर्च करें

मिनरल वाटर प्लांट व्यवसाय शुरू करने से पूर्व, आपकों 2 महिने मार्केट रिसर्च में लगाना चाहिए। यह बिजनेस शुरू करने का पहला चरण है। इससे निम्न बातें जानने को मिलती हैं –

  • बाजार में मौजूद प्रॉडक्ट की कितनी वैरायटी है।
  • ऐसे प्रॉडक्ट या तरीके की खोज की जाती है जिसमें कम कैपिटल के साथ न्यूनतम जोखिम हो।
  • 2 – 3 महिनों के दौरान आप केवल समझने का प्रयास करें
  • अपनी योग्यता बढ़ाए और ज्यादा से ज्यादा जानकारी बटोरने का प्रयास करें।
🎯 मार्केट रिसर्च कैसे करें?
मार्केट रिसर्च मुख्य दो प्रकार की होती है-
1. Primary research
कस्टमर्स से मिलना, फीडबैक लेना और जानना की उनको क्या चाहिए, उनकी समस्याओं का पता लगाना प्राइमरी रिसर्च के के अंतर्गत आता है।
2. Secondary research
हमारे जैसे ऑनलाइन आर्टिकल पढ़कर, समझकर जानकारी ले सकते हैं।

#2 बिजनेस प्लानिंग मजबूत करे

एक अध्ययन के मुताबिक़ जो बिजनेस प्लानिंग करते हैं। वह 30% तेजी से विकास करते हैं उन बिजनेस की तुलना में जो प्लानिंग नहीं करते हैं।

मिनरल वाटर प्लांट लगाने के लिए, एक अच्छा बिजनेस प्लान आपको फाइनेंशियल अनुमान, जनसांख्यिकी विश्लेषण, मार्केटिंग रणनिती, मार्केट रिसर्च, नए प्रॉडक्ट्स या सर्विसेज और उनकी यूनिक सेलिंग पॉइंट्स के बारे में अमूल्य जानकारी प्रदान करता है। बिजनेस प्लानिंग के लाभ निम्न हैं –

मिनरल वॉटर बिजनेस प्लानिंग से लाभ?

  • उद्देश्यपूर्ण विज़न और यथार्थ लक्ष्य बना पाना।
  • अपने बिज़नेस को तेजी से बढ़ाएँ।
  • जोखिम कम करें।
  • फंडिंग मिलने में आसानी।

#3 धन इकट्ठा करें

मिनरल वाटर का व्यवसाय शुरू करना उतना आसान नहीं है जितना लगता है। बिजनेस के बुनियादी ढांचे, किराए, कच्चे माल, वेतन, विपणन बजट आदि जैसे खर्चों से निपटने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होती है। उद्यमी आमतौर पर अपने व्यवसाय में तीन मुख्य तरीकों से पैसा लगाते हैं-

  1. बिजनेस ऋण लेना
  2. हिस्सेदारी (इक्विटी) बेचना
  3. बूटस्ट्रैपिंग

यदि आप मिनरल वाटर का व्यवसाय बूटस्ट्रैप शुरू करने में असमर्थ है। तो चिंता ना करें! वर्तमान में सरकार लघू व्यवसाय की सहायता करने के लिए अनेकों तरह की स्किम चला रहीं हैं।

प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए 4 लाख तक का लोन मुहैया करा रही है।

#4 उचित लोकेशन का चुनाव करें

Mineral Water Plant लगाते समय लोकेशन या व्यवसाय स्थल का चयन बहुत सोच समझकर करना चाहिए। बिजनेस शुरू करने से पहले उस क्षेत्र के लोगों की आर्थिक स्थिति और रहन सहन के स्तर का ध्यान रखना चाहिए।

  • बाजार में मौजूद दुसरे ब्रांड की जांच पड़ताल करें
  • अपने कस्टमर्स के निकट स्थान का चयन करें
  • ट्रांसपोर्ट का ध्यान रखें
  • रियल स्टेट सस्ते भाव में मिलना चाहिए
  • रॉ मैटीरियल (पानी) का अच्छा प्रबंधन
  • ग्राहक मौजूद हों

मिनरल वाटर का प्लांट लगवाने हेतु जमीन किराए पर लेना अच्छा विकल्प है। यदि आपके पास कैपिटल का अच्छा प्रबंधन है तो आप स्वम की जमीन खरीद सकते है।

#5 मिनरल वाटर प्लांट लाइसेंस

सबसे महत्वपूर्ण कार्य टैक्स रजिस्ट्रेशन और कंपनी रजिस्टर करवाना है। आप कंपनी रजिस्टर LLP, Firm, Private limited Company या फिर One Person Company के अंतर्गत करवा सकते हैं। इसी के साथ आवश्यक लाइसेंस जरुर लें अन्यथा आपका बिजनेस सरकार की नजरों में ग़ैर क़ानूनी होगा। कुछ उपयोगी लाइसेंस निम्न हैं –

  • भारतीय मानक ब्यूरो का ICI लाइसेंस लेना अतिआवश्यक है।
  • छोटे स्तर पर एक उद्योग सर्टिफिकेट और व्यवसाय का AOA और MOA
  • खाद्य विभाग से FSSAI सर्टिफिकेट ले।
  • पोल्लुशण कंट्रोल सर्टिफिकेट
  • मिनरल वाटर की टेस्ट लेबोरेटरी रिपोर्ट

इन प्रक्रिया को पूरा के लिए सलाहकार से सलाह जरूर लें।

#6 मिनरल वाटर प्लांट मशीनरी और उपकरण

प्लांट सुचारू ढंग से काम करें, इसके लिए मशीनरी अच्छी गुणवत्ता वाली खरीदें। आप मशीनरी 5 – 50+ लाख तक अपने प्लांट के मुताबिक स्थानीय डीलर या indiamart में खरीद सकते है। आवश्यक मशीनरी और उपकरण निम्न हैं –

  • dual media filter
  • carbon filter
  • antiscalant dosing system
  • micron catridge filter
  • pretreatment
  • high pressure pump
  • reverse osmosis System (RO)
  • water stroge tanks (3000 litres)
  • Transfer Pump
  • Ozone Storage Tank (3000 litres)
  • Micron Cartridge Filter
  • Ozone System
  • UV System
  • ozone storsge tank

#7 मिनरल वाटर प्लांट कॉस्ट

मिनरल वाटर प्लांट की शुरुआती कॉस्ट 1-50 लाख तक हो सकती है। प्लांट की लागत कई बातों पर निर्भर करती है जैसे: प्लांट की क्षमता, मशीनरी, पानी और जमीन पर निर्भर करता है। नीचे अनुमानित लागत बताई गई है-

क्रम सं. विवरण परियोजना विवरण
112 – 17 लाख
2मशीनों और उपकरणों का नामकच्चा पानी पंप, डुअल मीडिया फिल्टर, कार्बन फिल्टर, एंटी स्केलेंट डोजिंग सिस्टम, माइक्रोन कार्ट्रिज फिल्टर, हाई प्रेशर पंप, रिवर्स ऑस्मोसिस सिस्टम, आरओ वॉटर स्टोरेज टैंक (3000 लीटर), ट्रांसफर पंप, माइक्रोन कार्ट्रिज फिल्टर, यूवी सिस्टम, ओजोन सिस्टम, ओजोन भंडारण टैंक और अन्य विविध। संपत्ति।
3कच्चा मालपानी और पैकिंग सामग्री
4कार्यशील पूंजी2 – 5 लाख
5मशीन की लागत10 – 12 लाख
6श्रमशक्ति25 – 30 व्यक्ति
7क्षमता48000 – 50000 लीटर प्रतिदिन
8क्षेत्र4000 – 5000 वर्गफुट।
9बिजली40 – 45 एच.पी
10लगभग वार्षिक लाभ25% – 30%
** ऊपर दिए गए आंकड़े और विवरण शोध पर आधारित हैं और अनुमानित आंकड़े हैं।
आप चाहे तो अपने प्रॉफिट का कैलकुलेशन भी कर सकते है
टोटल प्रॉफिट = टर्न ओवर – प्रोडक्शन में लगायी गयी कुल पूंजी

mineral water plant FAQ

(Disclaimer: लेख में मौजूद सामग्री: किताबों, आर्टिकल, मिडिया और इंटरनेट से जुटाई गई है। अपनी जिम्मेदारी पर व्यवसाय करें, bizhindi.in तथ्यों की पुष्टि नहीं करता। )

मिनरल वाटर प्लांट कॉस्ट?

मिनरल वाटर प्लांट की शुरुआती कॉस्ट 1-50 लाख तक हो सकती है। प्लांट की लागत कई बातों पर निर्भर करती है जैसे: प्लांट की क्षमता, मशीनरी, पानी और जमीन पर निर्भर करता है।

क्या Mineral water plant का व्यवसाय, 2023 में लाभदायक है?

आकड़ो की मानें तो निश्चित तौर परmineral water plant का व्यवसाय लाभदायक हो सकता है। बीते 4 वर्षों में सालाना 38-40% की दर से बढ़ा है। ऐसे में आप Mineral water plant लगाकर बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

पानी का प्लांट कैसे लगाएं?

मिनरल वाटर बिजनेस शुरू करने के लिए निम्न बिंदुओं का अवलोकन करें –
मिनरल वाटर प्लांट पर मार्केट रिसर्च करें
बिजनेस प्लानिंग मजबूत करे
धन इकट्ठा करें
उचित लोकेशन का चुनाव करें
मिनरल वाटर प्लांट लाइसेंस
मशीनरी के साथ अच्छे उपकरणों पर निवेश करे
मिनरल वाटर प्लांट कॉस्ट
ग्राहकों को अच्छी क्वालिटी दें
मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दें और
बाजार में बने रहें।

Mohan Lal
Mohan Lal

Mohan, Biz Hindi के सह-संस्थापक और Senior Editor हैं. इन्हें लोगों को बिजनेस, वित्त और उद्यमिता के बारे में नवीनतम जानकारी पहुँचाने में बहुत ख़ुशी मिलती है. ये मुख्यत: ऐसा content लिखना पसंद करते हैं, जिन्हें लोग पसदं करें और वो उनके बहुत काम आये.

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